पांच साल पहले युूपी के ग्रेटर नोएडा में खुद की मौत का ड्रामा रचकर कार में एक मानसिक रूप से बीमार शख्स को जिंदा जलाने के मामले में दोषी आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा को गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय ने शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में वह पांच साल से जेल में बंद है। वहीं, चंद्रमोहन की प्रेमिका प्रीति नागर को छह माह कैद की सजा सुनाई गई है।
पुलिस जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि चंद्रमोहन ने अपनी प्रेमिका प्रीति नागर को पाने के लिए एक मानसिक रूप से विक्षिप्त को मोहरा बनाया। इसके बाद पूरी साजिश के तहत उसे कार में बिठाकर जिंदा जला दिया। इसके बाद वह अपनी प्रेमिका प्रीति नागर के साथ बेंगलुरु चला गया। इतना ही नहीं, वह वहां पर एक कंपनी में अपनी पूरी पहचान बदलकर नौकरी तक करने लगा। कुछ महीनों की जांच के बाद यूपी पुलिस ने जब इस हत्याकांड का खुलासा किया तो पूरा देश हैरान रह गया।
ग्रेटर नोएडा में 1 मई, 2014 की रात में एक कार में आग लगी थी। कार अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले चंद्रमोहन की थी। कार में बुरी तरह जल चुकी एक लाश भी मिली थी। शुरुआती जांच में माना गया था कि कार के अंदर जलकर चंद्रमोहन की मौत हुई है। चंद्रमोहन की पत्नी व आम आदमी पार्टी की नेता सविता शर्मा ने कार में जिंदा जलाकर चंद्रमोहन की हत्या के आरोप में कासना में रहने वाले कुछ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट करा दी थी। अगस्त 2014 में चंद्रमोहन को बेंगलुरु से प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया गया तो सारे ड्रामे से पर्दा उठा।दरअसल, ग्रेटर नोएडा पुलिस ने उसकी गर्लफ्रेंड को ट्रेस किया तो वहां उसे चंद्रमोहन भी मिल गया। इसके बाद जो उसने खुलासा किया वह सनसनीखेज था।
दरअसल, आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्र मोहन ने एक मई की रात एक मानसिक विक्षिप्त की कार में जलाकर हत्या कर दी थी और अपनी मौत का नाटक रचकर वह प्रेमिका प्रीति नागर के संग फरार हो गया था। पुलिस ने उसे प्रेमिका संग बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था।
ग्रेटर नोएडा पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि चंद्रमोहन प्रकरण के कुछ दिन बाद उसकी एक परिचित महिला भी अचानक अपने घर से लापता हो गई है। पुलिस ने चंद्रमोहन शर्मा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगाला तो पता लगा महिला के साथ वह अक्सर लंबी बातचीत करता रहता था। पुलिस ने महिला का नंबर भी इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर लगा दिया, जिसके आधार पर अपनी मौत का नाटक कर लापता हुए चंद्रमोहन का सुराग हाथ लग गया।